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Showing posts from February, 2010

मोटापा तय होता है दो वर्ष की उम्र में

अमरीका के शोधार्थियों का कहना है कि अक्सर दो वर्ष की उम्र में तय हो जाता है कि कोई व्यक्ति मोटापे का शिकार होगा या नहीं. शोध के लिए सामान्य से अधिक वजन वाले सौ से अधिक बच्चों व किशोरों के अध्ययन से पता चला कि आधे से अधिक बच्चे 24 महीने की उम्र से मोटे थे जब कि 90 फ़ीसदी बच्चों का वज़न 5 साल की उम्र से ही सामान्य से अधिक था. 'क्लिनिकल पेडियाट्रिक्स' की इस रिपोर्ट में बताया गया कि एक चौथाई बच्चों का वजन पांच महीने की उम्र से ही सामान्य से अधिक था. वर्तमान में ब्रिटेन में 27 फ़ीसदी बच्चों का वज़न सामान्य से अधिक है. अध्ययन में शामिल किए गए वे सभी बच्चे जिनकी औसत उम्र 12 साल थी, उन सभी का वज़न 10 साल की उम्र से ही सामान्य से अधिक हो गया था. हालांकि कम उम्र में ही मोटापे का शिकार होने की वजह पूरी तरह से समझ में नहीं आ सकी है, लेकिन असंतुलित आहार, बच्चों को जल्दी ही ठोस आहार देना शुरु करना और पर्याप्त मात्रा में व्यायाम का अभाव इसकी खास वजहें हो सकती हैं. ...

कॉफी का एक ही कप दिल पर भारी

लंदन ।। सुबह उठते ही गरमागरम कॉफी की चुस्की लेने वालों को भले ही यह खबर अच्छी न लगे पर एक लेटेस्ट स्टडी में दावा किया गया है कि कैफीन वाली गर्म कॉफी का एक प्याला भी आपके दिल को नुकसान पहुंचा सकता है। इटली के रिसर्चरों ने पाया कि एक प्याले में भी बड़ी मात्रा में कैफीन होता है जो सेहत पर गलत असर डालता है। यह दिल में खून के बहाव में रुकावट पैदा करने के चांस पांच गुना तक बढ़ा देता है। बहरहाल, स्टडी में यह भी पाया गया कि कैफीनरहित कॉफी फायदेमंद होती है क्योंकि इसमें दिल की सेहत के लिए जरूरी एंटी ऑक्सिडेंट होते हैं और यह ब्लड फ्लो को बढ़ाती है। सामान्य इंस्टैंट कॉफी में 75 मिलीग्राम कैफीन के मुकाबले गर्मागर्म एस्प्रेस्सो कॉफी के एक प्याले में 130 मिलीग्राम कैफीन होता है। फिल्टर कॉफी के एक प्याले में यह मात्रा 120 मिलीग्राम तक होती है।

यंगस्टरों में सिरदर्द की एक वजह है संगीत!

लंदन। आजकल के यंगस्टर कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं और आम धारणा है कि यंगस्टरों में सिरदर्द की एक वजह यह भी है लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं। एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि संगीत की वजह से यंगस्टरों में सिरदर्द हो सकता है। शोधकर्ताओं ने सिरदर्द और संगीत सुनने की अवधि के बीच एक संबंध देखा है। शोधकर्ताओं ने 1,025 यंगस्टरों पर अध्ययन किया। इस अध्ययन में कम्प्यूटर गेम्स खेलने, मोबाइल फोन के इस्तेमाल या टेलीविजन देखने और सिरदर्द या माइग्रेन के बीच कोई संबंध नहीं देखा गया। यद्यपि प्रतिदिन एक या दो घंटे तक संगीत सुनने और सिरदर्द के बीच संबंध देखा गया। जर्मनी में म्यूनिख की लडविग-मैक्सीमिलिएंस-युनीवर्सिटी की अध्ययनकर्ता मिल्डी-बुश ने शोधकर्ताओं के एक दल के साथ यह अध्ययन किया। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संपर्क में रखकर उनमें अलग-अलग तरह से सिरदर्द को जांचा गया। बुश ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अत्यधिक इस्तेमाल का स्वास्थ्य पर गहरा और विपरीत प्रभाव देखा गया। इससे मोटापा या नियमित रूप से व्यायाम न करने जैसी समस्या आई और थकान, तनाव, एकाग्रता में ...

लहराती रेशमी जुल्फों का राज - बालों के रख-रखाव के आसान टिप्स

सुन्दर काले व चमकदार बाल नारी की सुंदरता में चार चाँद लगा देते हैं। पुराने समय में बालों के रखरखाव व निखार के लिए नारियाँ अनेक नुस्खे इस्तेमाल में लाती थीं, जिनसे बाल वास्तव में ही काले, घने, मजबूत और चमकदार बनते थे। लेकिन आजकल कई तरह के साबुन और अन्य चीजों को बालों की सार-संभाल के लिए प्रयोग में लाया जाने लगा है। इनसे बाल पोषक तत्व हासिल करने के स्थान पर समय से पूर्व टूट कर गिरने लगते हैं, साथ ही सफेद होने लगते हैं। पेश है बालों के रख-रखाव के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ, जिन्हें इस्तेमाल कर बालों को मजबूत, काले और चमकदार बनाया जा सकता है। खट्टी दही में चुटकी भर ‍िफटकरी मिला लें, साथ ही थोड़ी सी हल्दी भी मिला लें। इस मिश्रण को सिर के बालों में लगाने से सिर की गंदगी तो दूर होती ही, साथ ही सिर में फैला संक्रमण भी दूर होता है। इस क्रिया को करने से सिर के बाल निखर उठते हैं। बालों को धोने के बाद गोलाकार कंघी से बालों में भली प्रकार से ब्रश करना चाहिए। इसके बाद सिर के बालों की जड़ों में उँगली घुमाते हुए अपना हाथ ऊपर से नीचे की ओर ‍फिराएँ। ऐसा करने से आपके बाल हमेशा मुलायम बने रहेंगे। हफ...

विटामिन्स लेने से पहले सोचें

विटामिन्स की छोटी खुराक लें, क्योंकि उनका काम शरीर की रासायनिक प्रक्रियाओं को रेग्युलेट करने में मदद करने का होता है। विटामिन सप्लीमेंट्स फूड का विकल्प नहीं हैं। इनसे खानपान की खराब आदतें पड़ती हैं। इनसे ऊर्जा नहीं मिलती क्योंकि इनमें कैलोरी नहीं होती। अगर आप कमजोरी महसूस कर रहे हैं तो अपनी डायट बढ़ा दें।विटामिन से किसी रोग का इलाज नहीं होता, सिवाय उस स्थिति के, जो विटामिन की कमी से जुड़ी हों। अन्य दवाओं की तरह विटामिन भी एक्सपायर हो जाते हैं। इसलिए खाने से पहले एक्सपायरी डेट को अवश्य देख लें। अगर आप मल्टी विटामिन्स ले रहे हों तो उन्हें अधिकतम हजम करने के लिए यह सुनिश्चि कर लें कि आप पेट भरकर खाना खा रहे हैं। विटामिन्स की एक गोली सुबह लेना काफी नहीं होता है क्योंकि बहुत से विटामिन्स दिन के अलग-अलग समय में अधिक फायदेमंद होते हैं और हजम भी होते हैं। अगर आप गर्भनिरोधक गोलियाँ ले रही हैं तो विटामिन्स लेना आवश्यक नहीं है। नाखूनों के फटने का अर्थ यह नहीं है कि आपमें विटामिन की कमी है। फंगल इंफेक्शन या कोई और कारण नाखूनों के फटने की वजह हो सकती है। सिरदर्द की गोलियों की तरह विटामिन्स तुंत ...

सेक्स के सिवा और क्या....................

लंदन.   सामान्य रूप से ऐसा माना जाता है कि सेक्स के लिए ज्यादातर लोग अपना महत्वपूर्ण काम छोड़ देता है। अमेरिका में कंज्यूमर रिपोर्ट द्वारा किए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि ज्यादातर लोग चाहकर भी सेक्स नहीं कर पाते। 1000 लोगों पर किए गए सर्वे में यह बात निकलकर आई है कि शारीरिक संबंध बनाने के समय लोग इतना थक जाते हैं कि वे आराम को पहली प्राथमिकता देते हैं। 80 फीसदी लोग किसी ना किसी कारणवश शारीरिक संबंध (सेक्स) बनाने से इनकार दिया। सर्वे में यह बात भी सामने आई कि पुरूषों से ज्यादा महिलाएं सेक्स के लिए टालमटोल करती हैं। क्योंकि महिलाओं से अधिक पुरूष सेक्स के बारे में सोच विचार करते हैं। सर्वे के रिपोर्ट में 60 फीसदी पुरुष दिन में कम से कम एक बार सेक्स के बारे में सोचते हैं जबकि महिलाओं में 19 फीसदी ही सेक्स के बारे में विचार करती हैं। ऐसी स्थिति में यह प्रश्न उठता है कि क्या सेक्स से ज्यादा कोई और जरूरी काम है। कंज्यूमर रिपोर्ट के सर्वे के मुताबिक 53 फीसदी लोग नींद आने या थक जाने पर सेक्स करने से मना कर देते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि किसी एक पार्टनर को सेक्स करने की इच्छा न हो त...

डेट पर सलाद ही क्यों खाती हैं महिलाएं

वाशिंगटन. यह आम धारणा रही है कि महिलाएं अपनी पहली डेट पर खाने के नाम पर सिर्फ सलाद ऑर्डर करती हैं, या फिर कम से कम कैलोरी वाला भोजन लेती हैं। एक हालिया अध्ययन में इस धारणा पर वैज्ञानिकों ने भी अपनी मुहर लगा दी है। मनोवैज्ञानिक मेरडिथ यांग तथा ओंटारियो स्थित मैकमास्टर यूनिवर्सिटी की उनके सहभागियों ने कैंपस कैंटीनों में लगभग 500 अंडरग्रैजुएट्स के खाने के प्रति रुझान और व्यवहार पर नजर रखी। उन्होंने पाया कि जब कोई महिला किसी पुरुष के साथ बैठकर खाना खाती है तो वह अक्सर सलाद या फिर ऐसा ही कुछ हल्का फुल्का व्यंजन चखती है। हालांकि महिलाओं के साथ खाना खाते हुए अन्य महिलाएं ऐसा व्यवहार नहीं करती। दरअसल अपने ब्वॉयफ्रैंड या किसी दोस्त के साथ बैठे हुए जब महिला ऐसा खाना ऑर्डर करती है तो उसका आशय खुद को दुबला पतला व स्वस्थ दर्शाना होता है। मेरडिथ ने कहा कि सलाद खाने का अर्थ यह बताना होता है कि ,‘मैं सुंदर हूं और अपना ख्याल रखना जानती हूं ।’ जबकि पुरुषों को अपना खाना कम करके महिलाओं को प्रभावित करने की जरूरत महसूस नहीं होती। रिपोर्ट बताती है कि पुरुष अपनी पहली, दूसरी या तीसरी हर डेट पर उतना ही खाते है...

उदासी ले सकती है आपकी जान!

लंदन. अगर आपका दिल उदास है तो थोड़ा सचेत होकर यह खबर पढ़ें क्योंकि आपकी उदासी जानलेवा भी हो सकती है। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन ने अध्ययन में पाया कि जो लोग उदासी की शिकायत करते हैं, उनके जवानी में गुजर जाने की आशंका बढ जाती है। जो लोग विरक्ति के शिकार हैं, उनके दिल के रोगों से मरने की आशंका संतुष्ट लोगों के मुकाबले ढाई गुना तक बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक एक कारण यह भी हो सकता है कि जो लोग जीवन से खुश नही हैं, वे शायद अस्वास्थ्यकारी आदतों के शिकार बन जाएं। जैसे सिगरेट या शराब की लत लग जाए और इस कारण उनका जीवन छोटा हो जाए। 25 साल से ज्यादा समय का शोध अध्ययन में पाया गया कि उदासी का दिल के रोगों से संबंध है। यह महत्वपूर्ण है कि जो लोग अपने जॉब से उदास हैं, वे उदासी भगाने के लिए शराब और धूम्रपान के बजाय रुचि का शौक ढूंढ लेते हैं। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के लिए 7000 सिविल सवेर्ंट्स पर 25 साल से ज्यादा समय तक शोध किया और पाया कि जिन अधिकारियों को नौकरी से ऊब थी, उनमें सामान्य अधिकारियों की तुलना में मरने की आशंका 40 फीसद तक बढ़ गई थी। ...

क्रोनिक फटीग सिंड्रोम - गायब नींद का नतीजा

आप रात में औसतन आठ घंटे की नींद लेते हैं, लेकिन फिर भी सुबह उठने पर थकन महसूस करते हैं जैसे किसी ने सारी ऊर्जा खींच ली हो। आपको लगता है कि अनियमित समय पर कामकाज करने से ऐसा हो रहा है। इसलिए आप ने जॉब बदल लिया और नियमित समय पर काम करने लगे। लेकिन फिर भी आपकी समस्या ज्यों की त्यों बनी रही। आपने अपने डॉक्टर से संपर्क किया। उसने बताया कि आप क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (सीएफएस) से पीड़ित हैं। इस स्थिति में अजीब किस्म की थकन होती है, एकाग्रता कम हो जाती है और बेचैनी बढ़ जाती है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि आप सीएफएस से छुटकारा पा सकते हैं। अगर आप आलस भरा जीवन व्यतीत करते हैं तो सीएफएस का खतरा आपको अधिक होगा, क्योंकि आप जिस्मानी तौर पर निक्रिय रहते हैं। आपको वजन बढ़ने का खतरा अधिक होता है, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, शुगर के स्तर में वृद्धि होती है और स्टैमिना कम हो जाता है। अगर आप पूरे दिन थकन महसूस करते हैं, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। इसका बुनियादी अर्थ है कि कोई चीज़ पटरी पर नहीं है- वह जिस्मानी भी हो सकती है और मानसिक भी। इसके कई कारण हो सकते हैं इसलिए अपना थायराइड प्रोफाइल, शुगर और कोल...

क्या मोटाबा आड़े आता है यौन आनंद के!

मोटे, या फिर कहें अत्यधिक मोटापे के शिकार पुरुषों एवं महिलाओं को समाज में शारीरिक, भावनात्मक एवं मानसिक परेशानियों से तो गुजरना पड़ता ही है, साथ ही इससे उनका सेक्स जीवन भी प्रभावित होता है। वैवाहिक जीवन की सफ़लता और यौनतुष्टि के बीच गहरा रिश्ता है। हाल ही में किये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार- भारत में तलाक के मामलों में से 50 प्रतिशत के पीछे यौनतुष्टि का अभाव मुख्य कारण रहता है। यौन संबंध विफल हो जाने या पूर्णरूपेण संतुष्टि ना होने के पीछे कार्यरत मुख्य कारणों में किसी एक साथी का मोटापा भी एक कारण हो सकता है। यौन क्रिया एवं आनंद में मोटापा तीन स्तरों पर बाधक रहता है- शारीरिक, भावनात्मक तथा मानसिक। शारीरिक तौर पर देखा जाये तो मोटे या थुलथुल शरीर के प्रति मन में आकर्षण उत्पन्न नहीं होता, जिससे कामवासना या कामेच्छा भी जागृत नहीं होती। आलसी, बेडौल और हद से ज्यादा मोटे व्यक्ति को अच्छे और हंसमुख व्यवहार के बावजूद लोग पसंद नहीं करते। इस पर मोटे व्यक्ति तन्हा रह जाते हैं और उनमें अपने अनाकर्षक और बेडौल शरीर को लेकर शर्मिंदगी और हीन भावना घर कर जाती है। इसी अहसास के चलते और अपने अन...

मधुमेह और एस्प्रिन इस्तेमाल पर ताज़ा शोध

एक शोध से संकेत मिले हैं कि इस बात में कोई दम नहीं है कि मधुमेह से पीड़ित लोगों के नियमित रूप से ऐस्प्रिन का सेवन करने से दिल के दौरे का ख़तरा कम हो जाता है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक 1300 ऐसे वयस्कों ने ऐस्प्रिन का नियमित रूप से सेवन किया जिनमें हृदय रोग के कोई लक्षण नहीं थे. उन्हें इससे कोई फ़ायदा नहीं हुआ. यह अनुसंधान उन विभिन्न दिशा-निर्देशों के विपरीत हैं जिनमें दिल के दौरों से बचने के लिए ऐस्प्रिन के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया जाता है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है स्वास्थ्य संबंधित ख़तरे झेल रहे कई अन्य ऐसे मरीज़ हैं जिन्हें इसकी ज़रूरत हो सकती है. 'कोई लाभ नहीं' शुरूआती स्तर पर बचाव के लिए इसके इस्तेमाल पर हमें दोबारा विचार करने की ज़रूरत है नवीनतम अध्ययन के मुताबिक जिन लोगों को दिल का दौर पड़ चुका हो या फिर जो हृदय रोग से ग्रस्त हों, उनमें ऐस्प्रिन के इस्तेमाल से भविष्य में होने वाले ख़तरों में लगभग 25 प्रतिशत कटौती होती है. लेकिन 40 साल से ज़्यादा उम्र वाले मधुमेह से पीड़ित लोगों पर हुए ताज़ा शोध में सात साल की अवधि ...

यह गोली पांच दिन बाद भी बचाएगी प्रेग्नेंसी से

स्कॉटलैंड के रिसर्चरों ने एक नई इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल डिवेलप करने का दावा किया है। इसकी खूबी है कि यह सेक्स के पांच दिन बाद भी प्रेग्नेंसी के जोखिम को रोकने में कामयाब है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन, आयरलैंड और अमेरिका की 16 हजार महिलाओं पर स्टडी की। इस दौरान उन्होंने पाया कि नई गोली यूलीप्रिस्टल एसीटेट आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली इमर्जेंसी पिल लेवोनोरजेस्ट्रल से काफी बेहतर है। गौरतलब है कि लेवोनोरजेस्ट्रल सिर्फ तीन दिन की लिमिट देती है। रिसर्च के दौरान देखा गया कि लेवोनोरजेस्ट्रल लेने वाली महिलाओं में 2.6 फीसदी गोली लेने के बाद भी पेग्नेंट हो गईं। दूसरी तरफ नई गोली यूलीप्रिस्टल लेने वाली महज 1.8 फीसदी महिलाएं अनचाही प्रेग्नेंसी का शिकार हुईं। दूसरे स्टडी ग्रुप में उन महिलाओं को शामिल किया गया जिन्हें सेक्स के बाद तीन दिन बीत चुके थे। इनमें से यूलीप्रिस्टल ...