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Showing posts with the label युवाओं के लिए सेहत

आसान उपाय, तनाव से बचाए

वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति के पास अतिरिक्त कार्य है और कार्य को समय पर पूरा करने का प्रेशर भी। काम समय पर पूरा न हो पाने पर मानसिक तनाव होना सामान्य बात है। व्यक्ति तनाव में घर जाता है और फिर घर की परेशानी से और तनावग्रस्त हो जाता है। तनाव जीवन का नाश करता है, इससे दूर ही रहें तो अच्छा है। तनाव दूर करने के लिए कुछ आसान उपाय हम आपको बता रहे हैं, आप उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करें। * सूर्योदय से पहले उठें, घूमने जाएँ, हल्का व्यायाम या योग करें। * प्रातःकाल व सोते समय 15 मिनट ईश्वर का ध्यान करें। * स्वयं को जानें, अपनी प्रतिभा, क्षमता व सीमाओं को पहचानें। * हमेशा सकारात्मक चिंतन करें। नकारात्मक सोच से ऊर्जा नष्ट होती है। * जो है, उस पर संतोष करें व कर्म करने में पूर्ण विश्वास रखें। * उत्साह एवं आत्मविश्वास के साथ काम करें। व्यवस्थित दिनचर्या की आदत डालें। * सदैव वर्तमान में जीएँ, भूत व भविष्य की व्यर्थ चिंता से बचें। सदैव प्रसन्नचित्त रहें। हँसते-हँसते जीना सीखें। * सादा व सरल जीवन जीएँ। जीवन में गुणवत्ता पर विश्वास रखें। दिखावे से बचें। * हॉबीज ...

एक कप चाय हो जाए !

चाय एक लोकप्रिय पेय है। न केवल हम स्वयं ही इसका सेवन करते हैं, अपितु अतिथियों का स्वागत-सत्कार भी चाय से ही किया जाता है। सच तो यह है कि चाय लोगों की जिंदगी में रच-बस गई है। हाल में वैज्ञानिकों ने इस बात पता लगाया है कि चाय का सेवन हृदय को स्वस्थ बनाए रखता है। मानवीय विषयों पर किए गए विशेष क्लिनिकल अनुसंधान से यह तथ्य उजागर हुआ है कि हृदय संबंधी बीमारियों की रोकथाम के लिए हमारी रोजमर्रा की डाइट में चाय सेवन की प्रमुख भूमिका है।  अमेरिका कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के एक शोध के अनुसार काली चाय हृदय के लिए काफी अच्छी है। इसमें मौजूद फ्लेवेनाइड्स एंटीऑक्सीडेंट हृदय के सेल्स तथा ऊतकों की ऑक्सीकरण से होने वाली क्षति से सुरक्षा करते हैं।  एक अन्य शोध से पता चलता है कि चाय का सेवन थक्के बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित रखता है जिससे हृदयाघात की आशंका कम हो जाती है। रक्त में एंटीऑक्सीडेंट का घनत्व बढ़ने से चाय हृदय के लिए लाभदायक है। जो महिलाएँ प्रतिदिन कुछ कप चाय पीती थीं, उनमें हृदय रोग के लिए मुख्य रूप से उत...

समर में कूल : कलरफूल अंगूर

अंगूर सारे भारत में आसानी से उपलब्ध फल है। इसमें विटामिन-सी तथा ग्लूकोज पयाप्त मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में खून की वृद्धि करता है और कमजोरी दूर करता है। यही कारण है कि डॉक्टर लोग मरीजों को फलों में अंगूर ही खाने की सलाह देते हैं। अंगूर को संस्कृत में द्राक्षा, बंगला में बेदाना या मनेका, गुजराती में धराख, फारसी में अंगूर, अरबी में एनवजबीब, इंग्लिश में ग्रेप या ग्रेप रैजिन्स तथा लैटिन में विटिस्‌ विनिफेरा कहते हैं। अंगूर के औषधि गुण : प्रत्येक 100 ग्राम अंगूर में लगभग 85.5 ग्राम पानी, 10.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 0.8 ग्राम प्रोटीन, 0.1 ग्राम वसा, 0.03 ग्राम कैल्शियम, 0.02 ग्राम फास्फोरस, 0.4 मिलीग्राम आयरन, 50 मिलीग्राम विटामिन-बी, 10 मिलीग्राम विटामिन-सी, 8.4 मिलीग्राम विटामिन-पी, 15 यूनिट विटामिन-ए, 100 से 600 मिलीग्राम टैनिन, 0.41-0.72 ग्राम टार्टरिक अम्ल पाया जाता है। इसके अतिरिक्त सोडियम क्लोरॉइड, पोटेशियम क्लोरॉइड, पोटेशियम सल्फेट, मैग्निशियम तथा एल्युमिन जैसे महत्वपूर्ण तत्व भी इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। अंगूर में पाई जाने वाली शर्करा पूरी त...

हेल्थ के लिए खूब बातें कीजिए

क्या यह सुनने-सुनते आपके कान पक गए हैं कि ज्यादा बातें करना अच्छी बात नहीं? ...तो यह भी सुन लीजिए कि वैज्ञानिकों ने यह पाया है कि बातें करने से आपका दिमाग तेज होता है और मानसिक स्वास्थ्य बढ़िया रहता है। माना जाता है, बातें बनाना बुरी बात है। लोग अक्सर कहते भी हैं, इस तरह बातें बनाने से बात नहीं बनेगी। लोग बातूनी लोगों को अक्सर व्यंग्य से इस तरह वाक्‌पटु कहते हैं मानो उन्हें चिढ़ा रहे हों। लेकिन बातें बनाना या ज्यादातर लोगों से संवाद स्थापित कर लेना न तो किसी बेवकूफी की निशानी है और न ही इससे कोई नुकसान है। भले ही लोग कहते हों कि बातें बनाने से कुछ नहीं होगा, मगर वैज्ञानिकों ने एक विस्तृत शोध के जरिए साबित किया है कि बातें बनाना न सिर्फ बुद्धिमान बनने का जरिया है, बल्कि निरंतर और हर तरह के लोगों से संवाद कला में माहिर होने वाले लोग जीनियस भी साबित होते हैं। मिशिगन यूनिवर्सिटी (अमेरिका) ने एक विस्तृत शोध में पाया है कि जब आप रोजाना 10 मिनट किसी के साथ किसी भी विषय पर बातचीत करते हैं तो इससे न केवल आप धीरे-धीरे संवाद कला में माहिर होते जाते हैं, बल्कि इससे याददाश्त भी तेज हो...

सेहत के सरल टिप्स

* हमारे पाँच सेंस हैं, इनका संयम आवश्यक है। * सोने से पहले पैरों को धोकर पोंछ लें, कोई अच्छी हेल्थ रिलेटेड बुक पढ़ें,भगवान को याद करते हुए सोने से नींद अच्छी आती है। * डिनर अगर हेवी है तो सोने से तीन घण्टे पहले करना। फल, दूध लेने के शौकीन एक घण्टा पहले भोजन खत्म कर दें। * सोते समय मुँह ढँककर नहीं सोना चाहिए। खिड़कियाँ खोल कर सोना चाहिए। * सोने की जगह बहुत मुलायम न हो। * रात्रि के दस बजे तक सो जाना सेहत के लिए अच्छा होता है। * दिन में एक बार खुलकर हँसने और दूसरों की मदद करने की फीलिंग्स रखने से मन में अच्छे विचार आते हैं जो हेल्थ के लिए बेहतर होते हैं। * सातों स्वरों का प्रभाव और सम्बन्ध वात, पित्त और कफ से रहता है। रोग और दोष के अनुकूल स्वरों का विशेष प्रयोग करते हुए, संगीत उपचार द्वारा कई रोगों की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है।