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प्यार भरे सेक्स की शर्त

' दो अहंकार' आपस में कभी नहीं मिल सकते और जब तक आप अपने सहयोगी को दूसरा समझते हैं या उससे प्यार नहीं करते हैं तब तक इस जोड़ का कोई मतलब भी नहीं। पवित्रता के लिए प्यार का होना आवश्यक है। यदि आप अपने सहयोगी से प्यार नहीं करते हैं तो यह महज जंगली प्रक्रिया होगी। सेक्स और रोमांस दोनों अलग-अलग सब्जेक्ट हो सकते हैं, लेकिन जिस सेक्स क्रिया में एक दूसरे के प्रति प्यार नहीं वह महज कोरी सेक्स क्रिया ही होगी। जानने में आता है कि बहुत से पति-पत्नी में प्यार नहीं होता फिर भी वे सेक्स करते हैं, सिर्फ इसलिए की यह वैवाहिक जीवन की एक प्रक्रिया है। पत्नी की इच्छा नहीं है तब भी सेक्स और है तब पति खुद का स्वार्थ पूरा करके अलग हो लेता है। यह सब इस बात की सूचना है कि पति-पत्नी में प्यार जैसी कोई भावना नहीं है। योग से इस भावना को जाग्रत किया जा सकता है। योग कहता है कि यदि आप खुद भीतर से बँटे हैं तो आप स्वयं को शांत‍िपूर्ण और शक्तिपूर्ण महसूस नहीं कर सकते। निश्चित तौर पर योग आपके स्वाभाविक सेक्स और प्यारपूर्ण संबंधों के लिए बहुत ही सहयोगी हो सकता है। योग का अर्थ होता है जोड़, मिलन। जब हम सेक्स जीव...

सेक्स कई रोगों की दवा है

आप शीर्षक पढ़कर चौंक गए होंगे कि भला सेक्स रोगों की दवा हो सकता है? इसमें चौंकने की कोई बात नहीं है। डॉक्टरों व वैज्ञानिकों ने शोध करके यह पता लगाया है कि सेक्स अनेक रोगों की दवा भी है। जहाँ जीवन में सेक्स एक-दूजे के बीच सुख, आनंद, अपनापन लाता है, वहीं एक-दूजे की हेल्थ व ब्यूटी को भी बनाए रखता है। सेक्स से शरीर में अनेक प्रकार के हार्मोन उत्पन्न होते हैं, जो शरीर के स्वास्थ्य एवं सौंदर्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। सेक्स से शरीर में उत्पन्न एस्ट्रोजन हार्मोन 'ऑस्टियोपोरोसिस' नामक बीमारी नहीं होने देता है। सेक्स से एंडोर्फिन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे स्किन सुंदर, चिकनी व चमकदार बनती है। एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर के लिए एक चमत्कार है, जो एक अनोखे सुख की अनुभूति कराता है। सफल व नियमित सेक्स करने वाले मैरिड कपल अधिक स्वस्थ देखे गए हैं। उनका सौंदर्य भी लंबी उम्र तक बना रहता है। उनमें उत्तेजना, उत्साह, उमंग और आत्मविश्वास भी अधिक होता है। सेक्स से परहेज करने वाले शर्म, संकोच, अपराधबोध व तनाव से पीड़ित रहते हैं। दिमाग को तरोताजा रखने व तनाव को दूर करने के ल...

सेक्स में रखें सेफ्टी का ध्यान

एक गोली ने औरतों की दुनिया बदल दी। कॉन्ट्रासेप्टिव पिल के आने के बाद महिलाएं महज बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं रह गईं , बल्कि वे खुद से फैसला करने लगीं कि उन्हें मां कब बनना है। इस रिवोल्यूशन का अगला स्टेप था इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल , जिसे एहतियात बरते बिना सेक्स करने के फौरन बाद खा लेने से गर्भ ठहरने की आशंका नहीं रहती। मगर इस गोली की वजह से महिलाओं का भला ही नहीं , ...

सेक्स के सिवा और क्या....................

लंदन.   सामान्य रूप से ऐसा माना जाता है कि सेक्स के लिए ज्यादातर लोग अपना महत्वपूर्ण काम छोड़ देता है। अमेरिका में कंज्यूमर रिपोर्ट द्वारा किए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि ज्यादातर लोग चाहकर भी सेक्स नहीं कर पाते। 1000 लोगों पर किए गए सर्वे में यह बात निकलकर आई है कि शारीरिक संबंध बनाने के समय लोग इतना थक जाते हैं कि वे आराम को पहली प्राथमिकता देते हैं। 80 फीसदी लोग किसी ना किसी कारणवश शारीरिक संबंध (सेक्स) बनाने से इनकार दिया। सर्वे में यह बात भी सामने आई कि पुरूषों से ज्यादा महिलाएं सेक्स के लिए टालमटोल करती हैं। क्योंकि महिलाओं से अधिक पुरूष सेक्स के बारे में सोच विचार करते हैं। सर्वे के रिपोर्ट में 60 फीसदी पुरुष दिन में कम से कम एक बार सेक्स के बारे में सोचते हैं जबकि महिलाओं में 19 फीसदी ही सेक्स के बारे में विचार करती हैं। ऐसी स्थिति में यह प्रश्न उठता है कि क्या सेक्स से ज्यादा कोई और जरूरी काम है। कंज्यूमर रिपोर्ट के सर्वे के मुताबिक 53 फीसदी लोग नींद आने या थक जाने पर सेक्स करने से मना कर देते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि किसी एक पार्टनर को सेक्स करने की इच्छा न हो त...