अलसी विटामिन, मिनरलों से भरपूर एक शक्तिवर्धक आहार है। गाँधीजी कहते थे- जिस घर में अलसी का सेवन होता हो वह परिवार सुखी और समृद्ध रहता है। प्राचीनकाल में अलसी का प्रयोग खाद्य के रूप में होता था। कालांतर में इसे भुला दिया गया। आयुर्वेद में भी चरक संहिता में इसके चिकित्सा इस्तेमाल का काफी उल्लेख है। अलसी के प्रयोग की नई अवधारणा पश्चिम से आई है।
अलसी में ओमेगा-3 लिनोलेनिक एसिड होता है। यह इसके अलावा मछली में मिलता है। इसलिए शाकाहारियों के लिए अलसी, मछली के समान पौष्टिक है।
ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फेटी एसिड्स शरीर के लिए अतिआवश्यक हैं। ओमेगा-6 मूँगफली, सोयाबीन, सनफ्लॉवर और मकई के तेल में प्रचुर होते हैं। ओमेगा-3 मस्तिष्क, स्नायुतंत्र व आँखों के विकास में योग देता है। ओमेगा-3 शरीर में नहीं बनता, इसे आहार के रूप में ही लेना पड़ता है। ओमेगा-3 की कमी से उच्च रक्तचाप, मधुमेह टाइप-2, आर्थराइटिस, मोटापा, कैंसर, हृदय रोग,जोड़ों का दर्द, सिजोफेर्निया आदि रोग होने का खतरा रहता है।
अलसी रक्त में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाती है। ट्रायग्लिसराइड व खराब कोलेस्ट्रॉल घटाती है।यह धमनियों में खून के थक्के जमने से रोकती है और हृदयाघात से बचाती है।अलसी हृदय की गति को भी नियंत्रित करती है। सौ ग्राम अलसी में प्रोटीन 20.3 प्रश, फेट 37.1, मिनरल 2.4, फाइबर 4.8 और कार्बोहाइड्रेट्स 28.9 प्रतिशत होते हैं। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, केरोटिन, थायमिन, राइबोफ्लेविन और नियासिन पाए जाते हैं।
यह गनोरिया, नेफ्राइटिस, अस्थमा, सिस्टाइटिस, कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, कब्ज, बवासीर, एक्जिमा के उपचार में उपयोगी है।
अलसी में ओमेगा-3 लिनोलेनिक एसिड होता है। यह इसके अलावा मछली में मिलता है। इसलिए शाकाहारियों के लिए अलसी, मछली के समान पौष्टिक है।
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Dear Shweta,
ReplyDeleteNice article on Flaxseed. We too work for flaxseed you can view our site at http://flaxindia.ning.com
Thanks.
Dr. O.P.Verma +919460816360
अलसी के बारे मे नई नई बातें पढने को मिल रही हैं। डा आलोक दयाराम के केन्सर पर लिखे शौधपूर्ण आलेख में अलसी का तेल १५ मिलि रोज लेने की सिफ़ारिश की गई है।आप ऐसे लेख लिखकर मानव सेवा कर रही हैं। धन्यवाद!
ReplyDeleteNice information. Thanks for sharing this huge list… let me try them one by one.
ReplyDeleteMy Super Kid
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