Skip to main content

Posts

Showing posts from April, 2010

बच्चों के आम रोग एवं उपचार

आज वैज्ञानिक, औषधियों के निर्माण के लिये लगातार आविष्कार कर रहे हैं। वैज्ञानिकों को यह बात भलीभांति ज्ञात है कि प्रकृति ने मानव और जीव-जन्तुओं की प्राण-रक्षा के लिये संसार में विभिन्न जड़ी-बूटियों की उत्पत्ति भी की है। इन जड़ी-बूटियों की पहचान तथा उनके सम्मिश्रण से ही वैज्ञानिक असाध्य रोगों की दवा बनाने में सक्षम हो पा रहे हैं। बच्चों में होने वाले आम रोगों की जानकारी प्रस्तुत है और साथ ही कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों की जानकारी भी दी जा रही है, जिनके प्रयोग से बच्चों की बीमारियों से रक्षा की जा सकती है। बच्चों के कुछ आम रोग और उनके उपचार के नुस्खे- तुतलाना और हकलाना बच्चों में तुतलाना और हकलाना प्राय देखा जाता है। यह वास्तव में कोई रोग नहीं होता वरन कुछ पौष्टिक तत्वों की शरीर में कमी के कारण ही होता है। तुतलाने और हकलाने की दशा में निम्न जड़ी-बूटियों का प्रयोग दिये गये तरीके से करने में लाभ अवश्य होता है। 1. बच्चे को एक ताजा हरा आँवला रोज चबाने के लिये दें। बच्चे से कहें कि पूरा आँवला वह चबा कर खा ले। इससे बच्चे की जीभ पतली हो जायेगी और उसके मुख की गर्मी भी समाप्त हो जायेगी। बच्चे...

मोटे अनाज के मोटे फायदे

हमें अक्सर यह भ्रम रहता है कि मोटे अनाज हमारी खुराक का एक बड़ा हिस्सा होते हैं। इसीलिए अकसर हम मोटे अनाजों के खानों को लेकर चिंतित नहीं रहते। लेकिन क्या कभी हम सोचते हैं कि हम मोटे अनाज के रूप में ये जो चीजें खाते हैं, मसलन, रोटी, पास्ता, नूडल, बिस्किट, इडली, डोसा, इन सब में कितनी तरह के मोटे अनाज होते हैं? सिर्फ दो। गेहूं और चावल। हमारे रोजमर्रा के भोजन में ज्यादातर यही दोनों मोटे अनाज विभिन्न रूपों में मौजूद होते हैं। जबकि हमें तमाम मोटे अनाज खाने चाहिए जो इससे इतर भी हों। मसलन, जई, बाजरा, ज्वार, रागी, जौ आदि। लेकिन शहरी भारत के ज्यादातर लोगों को इन तमाम मोटे अनाजों के बारे में या तो पता नहीं है या इनका इस्तेमाल उनकी आदत का हिस्सा नहीं हैं। यही वजह है कि मोटे अनाज के तौर पर हम सिर्फ और सिर्फ गेहूं और चावल के तमाम उत्पाद खाते रहते हैं और सोचते हैं कि मोटे अनाज खाने की हमारी जरूरत पूरी हो गई। जबकि खुराक विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर आपका अपने हेल्थ की वेल्थ का अंदाजा है तो अपने खाने में इन मोटे अनाजों को सजग होकर शामिल करें। ओट्स ओट्स या जई आसानी से पच जाने वाले फाइबर का जबरदस्त...

ताकि सलामत रहें आँखें

अलका आर्य, 28, पिछले तीन साल से दवाएँ खा रही हैं। उनका काम भी कुछ ऐसा है कि दिन में 6-7 घंटे कंप्यूटर क्रीन के सामने बैठना पड़ता है। इससे उनकी आँखों की रोशनी प्रभावित हो गयी है। सवाल यह है कि इसे दुरुस्त करने के लिए वह अपने आहार में क्या परिवर्तन करें और कौन-सी साधारण एक्ससाइज़ करें? शायर यह लिखते-लिखते थक गये हैं ``तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है...'' पर अफसोसनाक सत्य यह है कि हमारे फिटनेस कार्यक्रम में आँखों की देखभाल शामिल ही नहीं की जाती है। हमारे जॉब्स या जीवनशैलियाँ ऐसी हैं कि आँखों पर सबसे ज्यादा ज़ोर पड़ता है, लेकिन हम हैं कि इस समस्या पर आँख भरकर भी नहीं देखते। इससे पहले कि हम अपनी आँखों के प्रति पूर्णत अंधे हो जाएँ, हमें अपनी आँखों की अच्छी देखभाल शुरू कर देनी चाहिए। सबसे पहले तो हमें अपने खाने में निम्न तीन विटामिन विशेष रूप से शामिल करने होंगे- विटामिन-ए इससे नाइट ब्लाइंडनेस नहीं होती। यह गाजर, एप्रिकोट, टरनिप, हरी पत्तियों की सब्जियों जैसे पालक, बंदगोभी आदि में पाया जाता है। विटामिन-सी यह ग्लूकोमा व मांसपेशियों के सिकुड़ने के खतरे को कम करता ह...

Split Ends Hair Causes, Prevention Tips & Treatment

As split ends are something that makes the hair look unhealthy, it is important to know about the split ends treatment in detail. This article will give you complete information on what you can do to cure as well as prevent hair damage due to the presence of split ends. Main Causes Which Bring This Ghost To Your Head    1. As your hair grows, the natural oils from the scalp can fail to reach the ends, making the ends of the hair more vulnerable than the roots.    2. The ends of your hair have had a long exposure to the sun, gone through many shampoos and been overheated by hairdryers and straighteners, which results in dry and brittle ends which are prone to splitting.    3. Not trimming your hair regularly is possibly the main cause of split ends. Prevention is better than a cure.    4. Damage due to colouring when done to excess also causes dry brittle ends.    5. Poor quality brushes and combs can also cause this problem. It doesn’t n...

दीजिए आँखों को ठंडक तपते मौसम में

जब भी धूप में बाहर निकलें, आँखों पर आई प्रोटेक्टिव क्रीम व धूप का चश्मा लगाकर निकलें। गर्मियों में आँखों का हल्का मेकअप ही करें। धूप से आकर आँखों में गुलाब जल को रुई में भिगोकर 4-5 मिनट तक रखें। साफ कपड़े को पानी में भिगोकर इसे आँख पर रखने से भी आँखों की जलन शांत हो जाती है। आँखों को ठंडे पानी से धोते रहें। आँखों में जलन होने पर खीरे या बर्फ के क्यूब्स आँखों पर रखें।  प्रतिदिन हरी घास पर नंगे पैर चलें। भरपूर नींद लें। त्रिफला भिगोकर रख दें। फिर इसे छानकर इस पानी से आँख धोएँ । इससे आँखों की थकान से राहत मिलेगी। यदि आँख में पानी आ रहा है तो राई पावडर को शहद में मिलाकर सूँघें। यदि आँख में खुजली हो रही है, तो अंगूर के रस को अंजन के तौर पर लगाने से यह बंद हो जाती है। यदि आँखों में दर्द का एहसास हो रहा है तो सेब छीलकर पीसकर इसे लगाएँ। गाय का कच्चा दूध भी आँखों के लिए लाभदायक होता है।

अलसी : फाइबर से भरपूर

अलसी विटामिन, मिनरलों से भरपूर एक शक्तिवर्धक आहार है। गाँधीजी कहते थे- जिस घर में अलसी का सेवन होता हो वह परिवार सुखी और समृद्ध रहता है। प्राचीनकाल में अलसी का प्रयोग खाद्य के रूप में होता था। कालांतर में इसे भुला दिया गया। आयुर्वेद में भी चरक संहिता में इसके चिकित्सा इस्तेमाल का काफी उल्लेख है। अलसी के प्रयोग की नई अवधारणा पश्चिम से आई है। अलसी में ओमेगा-3 लिनोलेनिक एसिड होता है। यह इसके अलावा मछली में मिलता है। इसलिए शाकाहारियों के लिए अलसी, मछली के समान पौष्टिक है। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फेटी एसिड्स शरीर के लिए अतिआवश्यक हैं। ओमेगा-6 मूँगफली, सोयाबीन, सनफ्लॉवर और मकई के तेल में प्रचुर होते हैं। ओमेगा-3 मस्तिष्क, स्नायुतंत्र व आँखों के विकास में योग देता है। ओमेगा-3 शरीर में नहीं बनता, इसे आहार के रूप में ही लेना पड़ता है। ओमेगा-3 की कमी से उच्च रक्तचाप, मधुमेह टाइप-2, आर्थराइटिस, मोट ापा, कैंसर, हृदय रोग,जोड़ों का दर्द, सिजोफेर्निया आदि रोग होने का खतरा रहता है। अलसी रक्त में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाती है। ट्रायग्लिसराइड व खराब कोलेस्ट्रॉल घटाती है। यह धमनियों...

कमर दर्द के कारण और सावधानियाँ

कमर दर्द का मुख्य कारण मांसपेशियों पर अत्यधिक तनाव होता है। जोड़ों में खिंचाव से भी यह होता है। कैल्शियम की कमी से हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं। अधिक वजन होने से भी कमर दर्द होता है। गलत तरीके से बैठने से कमर दर्द होता है। हमें सीधा बैठना व सीधा चलना चाहिए। लेटकर टी.वी. देखना, लेटकर पढ़ना भी दर्द का मुख्य कारण है। ऊँची एड़ी के जूते पहनने से कमर दर्द हो सकता है। बिस्तर रूई या टाट का होना चाहिए। कुर्सी अधिक नरम नहीं होना चाहिए। तनाव के कारण भी दर्द होता है। व्यायाम या योगाभ्यास नहीं करने वालों को भी कमर दर्द होता है। गलत तरीके से खड़ा रहना, कार चलाना, काम करना, व्यायाम करना, योगाभ्यास करना, सोना, भारी सामान उठाना आदि भी दर्द का कारण हो सकता है। कमर दर्द को रोकने के लिए - सीधा चलना, सीधा बैठना, लेटकर नहीं पढ़ना, टी.वी. आदि लेट कर नहीं देखना चाहिए। भारी चीजों को या किसी सामान को नीचे से उठाते समय अपनी उम्र के अनुसार, पहले घुटने को झुकाकर फिर उठाना चाहिए। कार चलाते वक्त सीट सख्त होना चाहिए व स्टेयरिंग के पास बैठना चाहिए। खड़े रहते समय पैरों के आगे के भाग पर वजन रखकर खड़े होना चाहिए। पेट के बल...

पुदीना : गर्मियों की संजीवनी बूटी

गहरे हरे रंग की पत्तियों वाले पुदीने की उत्पत्ति योरप से मानी गई है। प्राचीन काल में रोम, यूनान, चीनी और जापानी लोग पुदीने का प्रयोग विभिन्न औषधियों के तौर पर किया करते थे। इन दिनों भारत, इंडोनेशिया और पश्चिमी अफ्रीका में बड़े पैमाने पर पुदीने का उत्पादन किया जाता है। खासकर गर्मियों में पैदा होने वाला पुदीना औषधीय और सौंदर्योपयोगी गुणों से भरपूर है। इसे भोजन में रायता, चटनी तथा अन्य विविध रूपों में उपयोग में लाया जाता है। औषधीय गुण पुदीने की पत्तियों का ताजा रस नीबू और शहद के साथ समान मात्रा में लेने से पेट की हर बीमारियों में आराम दिलाता है। पुदीने का रस कालीमिर्च और काले नमक के साथ चाय की तरह उबालकर पीने से जुकाम, खाँसी और बुखार में राहत मिलती है। इसकी पत्तियाँ चबाने या उनका रस निचोड़कर पीने से हिचकियाँ बंद हो जाती हैं। सिरदर्द में ताजी पत्तियों का पेस्ट माथे पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है। मासिक धर्म समय पर न आने पर पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण को शहद के साथ समान मात्रा में मिलाकर दिन में दो-तीन बार नियमित रूप से सेवन करने पर लाभ मिलता है। पेट संबंधी किसी भी प्रक...

समर स्पेशल ब्यूटी टिप्स

खूबसूरत और आकर्षक चेहरा हर किसी को प्रभावित करता है। अपनी सुंदरता को निखारने के लिए आप घर व बाहर दोनों प्रकार के प्रसाधनों का उपयोग कर सकती हैं। आइए जानते हैं इसी बारे में कुछ बातें :- गर्मी से बचाव अगर कहीं बाहर जाना हो तो सनस्क्रीन लगाकर निकलें व छाते का प्रयोग करें। धूप और प्रदूषण से बालों पर बुरा असर पड़ता है। अतः हमेशा चेहरे व बालों को बाँधकर घर से निकलें। धूप के संपर्क में आने वाले शरीर के हिस्सों पर अच्छी तरह से सनस्क्रीन लगाएँ। लहराती चमकदार जुल्फें ND बालों की खूबसूरती बरकरार रखने के लिए हर 15 दिन में मेहँदी का प्रयोग अवश्य करें। यह बालों के लिए कंडीशनर का काम करेगी। इसके अलावा सप्ताह में एक बार अंडे और दही का प्रयोग करना भी बालों की सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा। बेसन, नीबू का रस और दही इन सबको समान मात्रा में लेकर बालों में मसाज करें, फिर बालों को धो लें। आखिर में बालों को नीबू के पानी से फाइनल रिंस करें। 1 कटोरी मेहँदी में आँवला, शिकाकाई, रीठा, मैथी, नीम, तुलसी सभी 1-1 चम्मच लेकर दही में मिलाएँ, आधा नीबू का रस भी मिलाकर बालों में लगाएँ, 1 घंटा लगा रहने दें। यह बालो...

मन दर्शन से गायब होगा डिप्रेशन

' डिप्रेशन' समेत कई मेंटल डि‍सीज के कारण विश्व में हर साल करीब दस लाख लोग सोसाइड कर लेते हैं। ज्‍यादातर सोसाइड केसेज का कारण बनने वाले इस वायरस यानी कि‍ डि‍प्रेशन को कंट्रोल करने के लिए 'मन दर्शन' नाम की नई मैथड की खोज की गई है। इस मैथड से मनोशिक्षा यानी सायकि‍कल एजुकेशन के माध्यम से पॉजि‍टि‍व एनर्जी और थोट्स को बढ़ाया जा सकता है। यही नहीं इससे मानसिक प्रक्रियाओं में गलत विचार को आने से रोका जा सकता है। 'मन दर्शन' से मानसिक बीमारी से बचा जा सकेगा। जाने-माने मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक श्रीवास्तव का दावा है कि इस विधि से मरीज की अंतर्दृष्टि का विकास होता है। उन्होंने दावा किया कि इस विधि को अपनाने से मानसिक रोगी अपने मन पर नियंत्रण पाने में धीरे-धीरे सफल हो जाते हैं। इस विधि को सर्वाधिकार 'पेटेंट' प्राप्त हुआ है। श्रीवास्तव ने बताया कि अवसाद और अन्य मानसिक रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 'मन दर्शन' विधि को व्यापकता दी जाएगी। इंटरनेट के साथ ही इसके प्रचार-प्रसार के लिए अन्य तरीके भी अपनाए जाएँगे। उदासी, निराशा, काम में मन नहीं लगना, अनिद्रा, ...

माँ के दूध से मुहाँसों का इलाज

चेहरे को दागदार करने वाले मुहाँसो ं का वैज्ञानिकों ने एक सफल इलाज खोज निकाला है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि माँ का दूध और नारियल के तेल में मुहाँसों से लड़ने के गुण मौजूद है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में प्रमाणित किया है कि ब्रेस्ट मिल्क और नारियल के तेल में मौजूद लॉरिक एसिड मुहाँसों से लड़ते है और उन्हें जड़ से मिटाने में कामयाब होते है। वैज्ञानिकों के मुताबिक मुहाँसों से लड़ने वाले इस ट्रीटमेंट से किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट होने का खतरा नहीं है। इसे लगाने से चेहरे पर किसी तरह की जलन या दाग आने का खतरा नहीं है। वैज्ञानिकों के मुताबिक आजकल 85 फीसदी टीनएजर्स मुहाँसों की समस्या का सामना कर रहे हैं। इसे चेहरे पर लगाने से इन युवाओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे अच्छी फीलिंग होगी। इस क्रीम में किसी भी तरीके की गंध का अनुभव नहीं होगा। इसे चेहरे पर लगाना बेहद आसान है। शोधकर्ताओं के मुताबिक नैनो पार्टीकल तकनीक मुहाँसों के उपचार में सहायक सिद्व होगा।

सेहत के सरल टिप्स

* हमारे पाँच सेंस हैं, इनका संयम आवश्यक है। * सोने से पहले पैरों को धोकर पोंछ लें, कोई अच्छी हेल्थ रिलेटेड बुक पढ़ें,भगवान को याद करते हुए सोने से नींद अच्छी आती है। * डिनर अगर हेवी है तो सोने से तीन घण्टे पहले करना। फल, दूध लेने के शौकीन एक घण्टा पहले भोजन खत्म कर दें। * सोते समय मुँह ढँककर नहीं सोना चाहिए। खिड़कियाँ खोल कर सोना चाहिए। * सोने की जगह बहुत मुलायम न हो। * रात्रि के दस बजे तक सो जाना सेहत के लिए अच्छा होता है। * दिन में एक बार खुलकर हँसने और दूसरों की मदद करने की फीलिंग्स रखने से मन में अच्छे विचार आते हैं जो हेल्थ के लिए बेहतर होते हैं। * सातों स्वरों का प्रभाव और सम्बन्ध वात, पित्त और कफ से रहता है। रोग और दोष के अनुकूल स्वरों का विशेष प्रयोग करते हुए, संगीत उपचार द्वारा कई रोगों की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है।

महके डाइट, स्किन टाइट

इसमें कोई दो राय नहीं है कि एक संतुलित डाइट न केवल आपके सेहत के लिए लाभप्रद है बल्कि यह आपके स्किन के लिए फायदेमंद है। एक तनावपूर्ण जिंदगी और एक उचित डाइट की कमी के कारण आपकी त्वचा रूखी हो जाती है और कई त्वचा की परेशानियाँ उत्पन्न होने लगती हैं जैसे रैशेज, रूखापन, आँखों के नीचे काले घेरे और मुँहासे आदि। वैसे अन्य कई कारण भी हैं जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुँचाते हैं। हार्मोनल परिवर्तन, जेनेटिक समस्या स्किन को प्रभावित करती हैं। लेकिन 70 प्रतिशत से अधिक परिस्थितियों में त्वचा रोग के लिए गलत डाइट ही जिम्मेदार होता है। वैसे तो विभिन्न प्रकार की त्वचा के लिए विभिन्न डाइट्स की जरूरत होती है। लेकिन एक स्वस्थ त्वचा के लिए आवश्यक चीजों की सूची निम्नलिखित हैः * आपको अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। क्योंकि पानी ही स्किन के लिए एक सर्वश्रेष्ठ औषधि है। यह न केवल आपको रिफ्रेश करता है बल्कि आपकी त्वचा को एक अद्भूत चमक प्रदान करता है। * जिस तरह हमारे शरीर को ऑक्सीजन की जरूरत है ठीक उसी तरह हमारे स्किन के लिए विटामिन की आवश्यकता है। कुछ विटामिन के नाम निम्नलिखित है जो आपकी त्वचा की...

इस मौसम में फूलों-सी खिल जाएँ

यह मौसम हेल्थ और स्किन केयर माँगता है। इस मौसम में ब्यूटी को बनाए रखने के लिए करें बस थोड़ा-सा जतन ताकि बढ़ जाए देखने वालों की जलन। छोटे-छोटे घरेलू टिप्स आजमाएँ और खिल जाएँ फूलों-सी : प्यार करें चेहरे से : चेहरे की त्वचा के पोषण के लिए गाजर को कद्दूकस करके अच्छी तरह से पीस लें। इसमें जरा सा शहद मिलाकर त्वचा पर लगाएँ। इससे त्वचा को भरपूर पोषण मिलता है क्योंकि गाजर में विटामिन-ए पर्याप्त मात्रा में होता है। चेहरे की त्वचा के दाग-धब्बे हटाने के लिए पपीते के गूदे का पेस्ट बनाकर पूरे चेहरे पर मलें। दस मिनट बाद चेहरा धो लें। इसे कुछ महीने तक इस्तेमाल करने पर झाँइयाँ और कालापन भी मिट जाता है,साथ ही दाग-धब्बे भी दूर हो जाते हैं। नाजुक लबों के लिए : होंठों के सौंदर्य और कोमलता बरकरार रखने के लिए गुलाब की हरी पत्तियों में थोड़ा दूध मिलाकर अच्छी तरह से बारीक पीस लें। इस पेस्ट को होंठों पर और चेहरे पर भी लगाएँ। इससे होंठों पर निखार आ जाएगा और चेहरे की रंगत भी काबिले तारीफ हो जाएगी। दमकती स्किन के लिए : त्वचा को सुंदर बनाने के लिए संतरे के छिलकों के पाउडर में एक चम्मच दूध म...

खिलते-खिलखिलाते गुजारे गर्मी

गर्मी की दस्तक के साथ ही सेहत की परेशानियाँ बढ़ने लगती है। लेकिन यही मौसम खिलने और खुल कर जीने का भी होता है। हेल्थ की हल्की-फुल्की बातों का रखें ख्याल और लुत्फ उठाएँ गर्मी का बेशुमार: * त्वचा को रूखेपन से बचाने के लिए पानी खूब पीएँ। दिन में कई बार ठंडे पानी से चेहरा धोएँ, लेकिन साबुन का प्रयोग हर बार न करें। * चेहरे पर दाग-धब्बे पड़ जाते हैं, उन्हें मिटाने के लिए नींबू के ऐ छिलके पर चीनी के कुछ दाने डालकर उसे तब तक हलके हाथ से त्वचा पर मलते रहें, जब तक चीनी घुल नहीं जाती। यह तरीका काली कोहनियों व हाथ-पैरों की त्वचा पर आजमाएँ। * कुनकुने पानी में शहद डालकर सुबह सेवन करने से हाजमा अच्छा रहता है व वजन भी संतुलित रहता है। * सुबह उठने पर आँखें सूजी हों तो पानी में थोड़ी चाय की पत्ती उबालें फिर उसे छानकर ठंडा कर रूई के फाहे से आँखों पर लगाएँ, सूजन फौरन खत्म हो जाएगी। * टमाटर का टुकड़ा लेकर चेहरे पर हलके-हलके मसाज करें, चेहरे की सारी गंदगी साफ हो जाएगी। * भोजन में ज्यादा तेज मिर्च-मसाला खाने से पसीना दुर्गंधमय हो जाता है, इससे बचने के लिए नहाते समय पानी में थोड़ा यूडी ...

सेक्स कई रोगों की दवा है

आप शीर्षक पढ़कर चौंक गए होंगे कि भला सेक्स रोगों की दवा हो सकता है? इसमें चौंकने की कोई बात नहीं है। डॉक्टरों व वैज्ञानिकों ने शोध करके यह पता लगाया है कि सेक्स अनेक रोगों की दवा भी है। जहाँ जीवन में सेक्स एक-दूजे के बीच सुख, आनंद, अपनापन लाता है, वहीं एक-दूजे की हेल्थ व ब्यूटी को भी बनाए रखता है। सेक्स से शरीर में अनेक प्रकार के हार्मोन उत्पन्न होते हैं, जो शरीर के स्वास्थ्य एवं सौंदर्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। सेक्स से शरीर में उत्पन्न एस्ट्रोजन हार्मोन 'ऑस्टियोपोरोसिस' नामक बीमारी नहीं होने देता है। सेक्स से एंडोर्फिन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे स्किन सुंदर, चिकनी व चमकदार बनती है। एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर के लिए एक चमत्कार है, जो एक अनोखे सुख की अनुभूति कराता है। सफल व नियमित सेक्स करने वाले मैरिड कपल अधिक स्वस्थ देखे गए हैं। उनका सौंदर्य भी लंबी उम्र तक बना रहता है। उनमें उत्तेजना, उत्साह, उमंग और आत्मविश्वास भी अधिक होता है। सेक्स से परहेज करने वाले शर्म, संकोच, अपराधबोध व तनाव से पीड़ित रहते हैं। दिमाग को तरोताजा रखने व तनाव को दूर करने के ल...