38 साल के राजिंदर सेठी (बदला हुआ नाम) का वजन 140 किलो है। इससे उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है। पिछले डेढ़ साल से जोड़ों में दर्द भी रहता है। वजन घटाने के तमाम उपाय नाकाम रहे। डॉक्टरों ने कहा कि सर्जरी करानी पड़ेगी, जिसमें कम से कम एक लाख रुपये खर्च होंगे। ऐसे में राजिंदर ने वजन घटने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, मगर अब स्लिम होने का उनका भी सपना पूरा हो पाएगा। क्योंकि, दिल्ली सरकार के एलएनजेपी हॉस्पिटल में मेटाबॉलिक (बेरियाट्रिक) सर्जरी प्रोग्राम शुरू किया गया है। इसके तहत पूरी तरह से फ्री इलाज किया जाएगा।
हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित बनर्जी ने बताया कि पिछले एक साल में अस्पताल के विभिन्न विभागों में आए मरीजों पर एक स्टडी की गई, जिसमें यह पता लगा कि 20 से 50 साल की उम्र के कम इनकम वाले लोग तेजी से मोटापे का शिकार हो रहे हैं। पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में की गई एक स्टडी में भी ऐसी ही बात सामने आई। इसी के मद्देनजर इस नए प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। इससे न सिर्फ कम इनकम वाले मरीजों को फायदा होगा बल्कि मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में हर साल सर्जरी में पोस्ट ग्रैजुएशन करने वाले 50 डॉक्टरों को भी बेरियाट्रिक सर्जरी की ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
डॉ. बनर्जी ने बताया कि इस कार्यक्रम का नाम एमएएमसी एलएनएच मेटाबॉलिक सर्जरी प्रोग्राम रखा गया है। इसके लिए जनरल फिजिशन, एंडोक्रिनॉलजिस्ट, गैस्ट्रोइंट्रॉलजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट, डाइटीशियन, फिजियोथेरपिस्ट और काउंसिलर की एक टीम बनाई गई है। मरीज की काउंसिलिंग से लेकर सर्जरी के बाद की प्रक्रिया भी इसी सेंटर में कराई जाएगी। यही वजह है कि कार्यक्रम का नाम बेरियाट्रिक सर्जरी के बजाय मेटाबॉलिक सर्जरी रखा गया है।
उन्होंने बताया कि फिलहाल हफ्ते में एक-दो दिन ही इसकी ओपीडी चल रही है और बलून इन बलून और सीलिव ग्रेस्ट्राइन नामक तकनीक से मरीज का इलाज किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी भी शुरू होगी। फिलहाल 15 मरीजों का इलाज शुरू किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा वजन वाले 44 साल के व्यक्ति 180 किलो के हैं। जिन मरीजों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 से ऊपर है, उन्हें कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित बनर्जी ने बताया कि पिछले एक साल में अस्पताल के विभिन्न विभागों में आए मरीजों पर एक स्टडी की गई, जिसमें यह पता लगा कि 20 से 50 साल की उम्र के कम इनकम वाले लोग तेजी से मोटापे का शिकार हो रहे हैं। पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में की गई एक स्टडी में भी ऐसी ही बात सामने आई। इसी के मद्देनजर इस नए प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। इससे न सिर्फ कम इनकम वाले मरीजों को फायदा होगा बल्कि मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में हर साल सर्जरी में पोस्ट ग्रैजुएशन करने वाले 50 डॉक्टरों को भी बेरियाट्रिक सर्जरी की ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
डॉ. बनर्जी ने बताया कि इस कार्यक्रम का नाम एमएएमसी एलएनएच मेटाबॉलिक सर्जरी प्रोग्राम रखा गया है। इसके लिए जनरल फिजिशन, एंडोक्रिनॉलजिस्ट, गैस्ट्रोइंट्रॉलजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट, डाइटीशियन, फिजियोथेरपिस्ट और काउंसिलर की एक टीम बनाई गई है। मरीज की काउंसिलिंग से लेकर सर्जरी के बाद की प्रक्रिया भी इसी सेंटर में कराई जाएगी। यही वजह है कि कार्यक्रम का नाम बेरियाट्रिक सर्जरी के बजाय मेटाबॉलिक सर्जरी रखा गया है।
उन्होंने बताया कि फिलहाल हफ्ते में एक-दो दिन ही इसकी ओपीडी चल रही है और बलून इन बलून और सीलिव ग्रेस्ट्राइन नामक तकनीक से मरीज का इलाज किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी भी शुरू होगी। फिलहाल 15 मरीजों का इलाज शुरू किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा वजन वाले 44 साल के व्यक्ति 180 किलो के हैं। जिन मरीजों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 से ऊपर है, उन्हें कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
Shweta ji,
ReplyDeletebahut hee jarooree aur avashyak jankaree dee hai apne. shubhakamnayen.
Poonam
बहुत अच्छा
ReplyDeleteSwagat hai ?
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
This is a great article, Thanks for giving me this information. Keep posting
ReplyDeletehappy new year wishes 2016
T20 Worldcup 2016 Live
IPL 2016 Live
T20 Worldcup 2016 Live
IPL 2016 Live