भोग की आदत के चलते दुनिया भर में कब्ज और मोटापा एक महारोग हो चला है। यदि भोजन के प्रति अत्यधिक इच्छा बनी रहती है तो फिटनेस के सारे फंडे व्यर्थ है। खाने की इस अति प्रवृत्ति के चलते ही युवा अब युवा कम ही नजर आते हैं। चर्बीयुक्त बॉडी, फास्टफूड और चाय-कॉफी की दुर्गंथ के अलावा सिगरेट और पॉऊच के तो कहने ही क्या। आज का युवा बाजार में कुछ भी खाने के लिए स्वतंत्र हैं, जैसे पानीपुरी, पाऊच, वड़ापाव, हॉटडॉग, अंडे, पोहे, जलेबी, इडली दोसा और न जाने क्या-क्या। योग कहता है कि योग करने से पूर्व या योग के अनुशासन में आने के लिए आपको अपनी भोगवादी प्रवृत्ति पर रोक लगाना होगी अन्यथा योग का कोई महत्व नहीं। व्यर्थ में कुछ भी खाते रहने से पेट को गंदा टेंक न बनाएँ। आज व्यक्ति कब्ज सहित पेट के बहुत से रोग से तो पीड़ित है ही साथ ही वह अन्य गंभीर रोगों से भी जकड़ चुका है। इसका कारण व्यक्ति की अनियमित जीवन शैली तथा लगातार मसालेदार भोजन के अलावा मद्यपान और अत्यधिक भोजन करने की प्रवृति। नुकसान : यदि कब्ज या मोटापा है तो इससे वायु प्रकोप और रक्त विकार होता है। सिरदर्द, अनिद्रा, चक्कर और भूख न लगने की शिकायत भी बन...