बेंगलुरू। प्रोन के शौकीनों को सावधान रहने की जरूरत है। हाल में इसमें बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस के साथ ही खतरनाक स्तर तक रसायन पाए गए हैं। इसके बाद हमसे सबसे अधिक प्रोन आयात करने वाले यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने पिछले एक महीने में 400 टन खेप लौटा दी है। विभिन्न बंदरगाहों पर पड़ा यह माल अब बेंगलुरू, मेंगलोर और पणजी के मछली बाजार और होटलों में पहुंचाया जा रहा है। खाद्य और कृषि संगठन के वरिष्ठ मत्स्य अधिकारी इड्डया करुणासागर ने बताया कि खाद्य सुरक्षा को लेकर ईयू के नियम बहुत कड़े हैं। प्रोन में ज्यादा मात्रा में बैक्टीरिया, विशेषकर साल्मोनेला के पाए जाने के कारण निर्यातकों का माल लौटाया गया है। हालांकि निर्यातकों को ईयू के इस निर्णय से कोई शिकायत नहीं है। उनका कहना है कि वे अपने माल को लगभग उतने ही दाम में बेंगलुरू, मेंगलोर और पणजी के बाजार में बेच रहे हैं, जितना उन्हें ईयू में मिलता था। बेंगलुरू के रसेल मार्केट और कर्नाटक मत्स्य विकास निगम के आउटलेट में प्रॉन 600 से 800 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है। एक व्यापारी मोहम्मद गुलरेज ने बताया कि यहां प्रतिदिन 350 कि लो माल...